ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में क्या अंतर होता है ? देश भक्ति और ज्ञान ऐसे बनेगा भारत महान ऐसे मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
क्या आप जानते हैं ध्वजारोहण और तिरंगा फहराना दोनों ही अलग-अलग हैं आम तौर पर इनको लोग एक ही समझते है।
Special Report : NEWS FLASH INDIA : आज देश 78वा स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । जहां हर ओर तिरंगे झंडे के रंग बिखरे हुए नजर आ रहे हैं पर क्या आप जानते हैं ध्वजारोहण और तिरंगा फहराना दोनों ही अलग-अलग हैं आम तौर पर इनको लोग एक ही समझते है।
जनपद हापुड़ की जनरल मर्चेंट एसोसिएशन ने भी आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया।कार्यक्रम में देश, भक्ति और ज्ञान के साथ-साथ हंसी के पलों का समावेश हुआ। कार्यक्रम में पहुंचे व्यापारियों ने एसोसिएशन के पदाधिकार्यों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया तो वही छोटे-छोटे बच्चों ने देशभक्ति के गीतों पर अपनी प्रस्तुति दी।
- ध्वजारोहण और तिरंगा झंडा फहराने के अंतर को जानिए।
आयोजन के दौरान कवि महावीर वर्मा मधुर द्वारा देश भक्ति को लेकर मार्मिक कविताओं का पाठ किया गया और 14 अगस्त 1947 को अमृतसर पहुंची ट्रेन में उन गुमनाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी कुर्बानी दी।
इसी बीच उनके द्वारा ध्वजारोहण और तिरंगा झंडा फहराने के अंतर पर ज्ञानवर्धन किया गया।
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर जो तिरंगा झंडा फहराया जाता है वह राष्ट्रपति के द्वारा राजपथ पर फहराया जाता है और वह झंडा पहले से ही ऊपर बंधा हुआ होता है जो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर फहराया जाता है। लेकिन ध्वजारोहण इसे थोड़ा अलग है ध्वजारोहण 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीन से फहराया जाता है ध्वजारोहण का अर्थ यह है कि पहले झंडा नीचे बंधा हुआ होता है जिसको डोरी के माध्यम से ऊपर ले जाया जाता है इस तरह तिरंगे का आरोहण किया जाता है इसके बाद ऊपर ले जाकर उसको फहराया जाता है इसे ध्वजारोहण कहा जाता है। नीचे से ऊपर तिरंगे को उठाना राष्ट्र के उदय का प्रतीक माना जाता है।