हापुड : MBBS छात्रा की शातिर करतूत का खुलासा , हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज

हापुड : MBBS छात्रा की शातिर करतूत का खुलासा , हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज

ब्यूरो रिपोर्ट - (NEWS FLASH INDIA) : एमबीबीएस मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET परीक्षा पास करके एडमिशन प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है जिसमें जितने अच्छे नंबर छात्र प्राप्त करता है उसी अनुसार छात्र कॉलेज में दाखिला प्राप्त करता है पर इस पारदर्शी प्रक्रिया में भी कोई शातिर दिमाग फर्जीवाड़ा कर सकता है यह  घटना लोगो के लिए अचरज का विषय बन गई है। 

हापुड़ में पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में एक छात्रा द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर एमबीबीएस में दाखिला लेने का मामला सामने आया है । घटना का खुलासा उस समय हुआ जब आरोपी छात्रा द्वारा एमबीबीएस प्रथम वर्ष पूरा कर लिया गया और उसके बाद द्वितीय वर्ष में दाखिले को लेकर मेडिकल कॉलेज में गतिरोध उत्पन्न हुआ । और वो द्वितीय वर्ष में दाखिला नही ले सकी। जिसको लेकर आरोपी छात्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया और एक रिट पिटीशन 19806/2023 कोर्ट में दाखिल कर दी। 

दायर याचिका में छात्रा द्वारा नीट परीक्षा से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करके कोर्ट में दाखिल किए गए और अच्छे अंको को प्राप्त करने का दावा कोर्ट में किया गया। 

आरोपी छात्रा माधवी तिवारी द्वारा नीट यूजी 2020 परीक्षा का रोल नंबर आदि जानकारी साझा करते हुए कोर्ट में दायर याचिका में जानकारी दी कि उसने 720 में से 585 अंक प्राप्त किए और उसने कुल Percentile 97.9650121 और उसकी NEET All India रैंक 27493 हैं ।

इसके संबंध में रिट संख्या 19806 /2023 में दायर दस्तावेजों में आरोपी छात्रा ने जानकारी साझा की कि क्योंकि उसने अच्छे अंक प्राप्त किए थे इसी कारण उसका दाखिला सरस्वती इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस हापुड़ में हुआ । और उसने एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के परीक्षा को भी उत्तीर्ण कर लिया है लेकिन उसको एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष में एडमिशन नहीं दिया जा रहा, जिसको लेकर उसने दायर याचिका में कोर्ट के समक्ष अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए कॉलेज प्रशासन को आदेशित करने की मांग करते हुए और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।इस मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 7 दिसंबर 2023 को एक हाई पावर जांच कमेटी गठित करने के निर्देश देते हुए कमेटी के सदस्यों को नामित किया।

याचिका में आरोपी छात्रा द्वारा दावा किया गया था कि उसने NEET (UG)-2020 परीक्षा में 13/09/2020 को हिस्सा लिया था जिसका Application No. 2005100010416 और Roll

No. 4401205405 है जिसने 27493 NEET All India रैंक 97.9650121 percentile के साथ हासिल की जबकि जांच के बाद जांच कमेटी ने कोर्ट में जानकारी देते हुए बताया कि छात्रा द्वारा NEET (UG) 2020 परीक्षा में भाग लिया गया था । पर उसका वास्तविक Application नंबर 200410010315 और वास्तविक रोल नंबर 4401204502 है और छात्रा द्वारा उपलब्ध कराए गए Application नंबर और रोल नंबर NEET UG के डाटा बेस में उपलब्ध ही नही है और छात्रा के वास्तविक रिकॉर्ड के अनुसार उसने 720 में से सिर्फ 72 अंक ही प्राप्त किए थे। इसके संबंध में जांच कमेटी द्वारा सभी संबंधित दस्तावेज और परीक्षा कॉपी ओएमआर शीट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए । पूरे मामले में सभी तथ्य सामने आने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था जिस पर हापुड़ पुलिस द्वारा कल एफआईआर दर्ज कर ली गई है

इस मामले में पुलिस ने नीट परीक्षा यूनिट के वरिष्ठ परामर्शदाता डा देवव्रत वशिष्ठ की तहरीर पर आरोपी छात्र माधवी तिवारी के खिलाफ 420 ,465 ,467 ,468, 471 आईपीसी की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। 

इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी छात्र के वकील द्वारा अपनी याचिका वापस लेने का प्रयास भी किया गया लेकिन कोर्ट ने समस्त तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए याचिका को वापस लेने की मांग को खारिज कर दिया और पुलिस को इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए थे जिसके बाद कल पिलखुवा कोतवाली में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।